Saturday, January 1, 2011

बड़ा याद आता हैं वोह ज़माना

बचपन की शरारते, वोह डोर बेल बजा कर भागना    
बड़ा याद आता हैं वोह ज़माना
*
पार्क की दीवार पर बैठना, वोह टाँगे हिलाना
बड़ा याद आता हैं वोह ज़माना
*
नव वर्ष के कार्ड, वोह कार्ड को रंगों वाले कलम से सजाना
बड़ा याद आता हैं वोह ज़माना
*
गुब्बारे फुलाना, वोह डोरी बाँध कर हवा में उड़ना
बड़ा याद आता हैं वोह ज़माना
*
०१ रूपया मांगना, वोह पिग्गी बैंक में डालना
बड़ा याद आता हैं वोह ज़माना
[written by romil - copyright reserved] 

No comments:

Post a Comment