उसे ढूंढ रहा हूँ मैं बरसों से
जिसका दीवाना हूँ मैं बरसों से
*
जिसे कहता रहा मैं खुदा उम्र भर
उसे देखा नहीं हूँ मैं बरसों से...
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जिसकी खैरियत-ए-खबर सुनने को दिल फिक्रमंद रहता है
उसके ख़त के इंतज़ार में हूँ, मैं बरसों से...
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कोइए तोह समझता मेरे दर्द-ए-दिल को रोमिल
ऐसे इंसान से मिलाने को बेताब हूँ, मैं बरसों से...
[WRITTEN BY ROMIL - COPYRIGHT RESERVED]
kbi kbi spne chori hojte hain,
ReplyDeletehalaat se log dur ho jte hain,
pr ye yadein itna satati hai ke,
unhe yaad karne ko hm mzboor o jte hain
q shi kha na LM