Wednesday, January 5, 2011

मैं बरसों से...

उसे ढूंढ रहा हूँ मैं बरसों से 
जिसका दीवाना हूँ मैं बरसों से
*
जिसे कहता रहा मैं खुदा उम्र भर   
उसे देखा नहीं हूँ मैं बरसों से...
*
जिसकी खैरियत-ए-खबर सुनने को दिल फिक्रमंद रहता है 
उसके ख़त के इंतज़ार में हूँ, मैं बरसों से...
*
कोइए तोह समझता मेरे दर्द-ए-दिल को रोमिल
ऐसे इंसान से मिलाने को बेताब हूँ, मैं बरसों से...
[WRITTEN BY ROMIL - COPYRIGHT RESERVED]

1 comment:

  1. kbi kbi spne chori hojte hain,
    halaat se log dur ho jte hain,
    pr ye yadein itna satati hai ke,
    unhe yaad karne ko hm mzboor o jte hain

    q shi kha na LM

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