Tuesday, January 11, 2011

यह खवाब बहुत मुश्किल हैं....मगर अच्छा हैं...

वोह चाहे जितनी भी आँखों से ओझल रहे रोमिल बाबू
मगर उसका खवाबो-ए-ख्याल अच्छा हैं...
*
चाहे कितने भी दुःख हमसे लिपटे रहे
उसका दामन रहे खुशियों से भरा उम्र भर रोमिल बाबू
अपने लिए बस यही अच्छा हैं...
*
और सितम मत करो अपने दिल पर रोमिल बाबू 
इसको रखो हसीनो से दूर
आपके लिए यही अच्छा हैं...
*
वोह पूछते रहते हैं मरीजों का हाल
हमको एक नज़र देखते भी नहीं... २ 
एक हम मर रहे हैं जीते जी रोमिल बाबू
उनका यह कातिल-ए-अंदाज़ अच्छा हैं...
*
खवाब हैं कि अपनी कब्र भी उनकी कब्र के साथ बने रोमिल बाबू 
यह खवाब बहुत मुश्किल हैं
मगर अच्छा हैं...
[written by Romil - copyright reserved]

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