Thursday, July 21, 2011

यह पूरे आसमान को रोशन कर देता है.

इतने समय के बाद भी सूर्य पृथ्वी से कभी नहीं कहता, 'तुम पर मेरा ऋण है'. ऐसे प्रेम का क्या परिणाम होता है, यह सबको दिखता है! यह पूरे आसमान को रोशन कर देता है. 


हाफ़िज़ (१३१५-१३९०)
सूफी कवि

No comments:

Post a Comment