जो हम जवानी में फिसले न होते
खुदा कसम इतने बुरे दिन हमारे न होते.
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नींद से हमारा भी ताल्लुक होता
जो ख़्वाब हमने मोहब्बत के ना सजाये होते.
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कागज़ पर लिखी थी मोहब्बत की कहानी, बारिशों में धुल गई
क़ाश हमने पत्थर पर कलम चलाये होते.
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देखते ही देखते लोगों की नज़रे बदल गई
क़ाश हम नज़रों के धोखे समझ पाए होते.
#रोमिल
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