Tuesday, October 26, 2010

चाँद के साथ जब चाँद नज़र आता है...

मोहब्बत-ए-सफ़र में ऐसा मुकाम आता है
ग़ालिब की ग़ज़ल, मीर का कलाम याद आता है
चाँद के साथ जब चाँद नज़र आता है...
*
आसमान इन्द्रधनुष रंग में रंग जाता है
फूलों पर भी बहारों का मौसम आता है
चाँद के साथ जब चाँद नज़र आता है...
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कितने अरमान दिल में उठते है
खवाब का एक महल तैयार हो जाता है
चाँद के साथ जब चाँद नज़र आता है...
*
दिल-इ-शायर से मत पूछना दिल पर क्या गुज़रती है रोमिल
जब एक धरती पर तोह दूसरा आसमान पर नज़र आता है
चाँद के साथ जब चाँद नज़र आता है...
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