हुस्न को बेनक़ाब होने दीजिये
ज़रा थोडा और हमको पास होने दीजिये...
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ऐसे न लपेटो हमको अपने बदन से - २
महबूब मेरे....
ज़रा रात को तो और चाँदनी होने दीजिये...
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यूं न झुकाओ नज़रे सनम
ज़रा नज़रों से यह मदमस्त शराब पीने दीजिये...
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ना कुछ तुम कहो
ना कुछ हम कहे
यह जो हो रहा है आज होने दीजिये...
#रोमिल
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