Wednesday, March 9, 2011

जन्नत को ज़मीन पर महसूस करके देखो

जन्नत को ज़मीन पर महसूस करके देखो
तुम एक बार रूह-ए-मोहब्बत करके देखो...
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खवाबों में भी मिल जाती है मंजिले - २  
तुम सनम को अपने करीब बैठे हुए देखो...
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कहीं न कहीं होगा करीब तेरे पास ही खुदा मोहब्बत का  
तुम ज़रा नज़ारे उठा कर देखो... 
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मोहब्बत के पन्ने पर सिर्फ तेरा ही नाम होगा रोमिल - २  
तुम एक बार मोहब्बत में तमाशा बन कर तो देखो...  
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जन्नत को ज़मीन पर महसूस करके देखो...

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