ज़माने पर मुस्कुराना अच्छा लगता है
ग़मो को छुपाना अच्छा लगता है
किसी कमरे की खिड़की पर बैठकर
साँझ को देखते हुए आंसू बहाना अच्छा लगता है...
मैं तोह साहिल हूँ साहिल...
दो क़दम चल भी नहीं सकता... २
लहरों को लहराते, उमड़ते देखना अच्छा लगता है...
तालाब का पानी हूँ
ठहरा रहता हूँ
कमल खिलता है जिसमे... २
बारिशों की जब-जब पड़ती है बूँदें
टप... टप... टप... टप...
अच्छा लगता है...
हिना हूँ... उसके हाथों की...
मेरी कोई ख्वाइश नहीं...
फिर चाहे लगे रोमिल तेरे नाम की
या फिर किसी के भी नाम की...
अच्छा लगता है...
#रोमिल
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