Saturday, May 14, 2011

नाज़ है मेरी बहारों जैसी,

नाज़ है मेरी बहारों जैसी,
आसमान में चाँद जैसे,
फूल में गुलाब जैसे,
सीप में मोती जैसे,
बरसात की बूँद जैसे,
कोई दोस्त नहीं है मेरा रोमिल,
सिर्फ नाज़ है रब के फ़रिश्ते जैसी!

#रोमिल

No comments:

Post a Comment