Saturday, October 15, 2011

रातें... कितनी अजीब होती है न...

रातें... कितनी अजीब होती है ना...

कभी - कभी मन चाहता है कि यह रात बीतें ही नहीं
और कभी - कभी मन चाहता है कि यह रात बस बीत जाये...

कभी - कभी तो यह चाँद जाने का नाम ही नहीं लेता...
और कभी - कभी मन करता है की आज चाँद कहीं नहीं जाये... बस उसको देखा करूं... अगर बादलों में कही छुपा हो तो जल्दी से बाहर आ जाये... 

कभी - कभी रात कितनी डरावनी लगती है
और कभी - कभी यह रात कितनी सुहावनी, चांदनी लगती है...  

कभी - कभी ज़िन्दगी में यह दोस्त बनकर आती है... खुशियाँ लाती है... ख़ुशी के सन्देश, पैगाम लाती है... 
और कभी - कभी यह रात दुश्मन बन जाती है... रातभर सताती है... आँखों में आंसू लाती है... 

रोमिल... यह रातें भी कितनी अजीब होती है ना...

#रोमिल

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