Tuesday, October 11, 2011

आइना में देखूं तो चेहरा निखर जाता है

आइना में देखूं तो चेहरा निखर जाता है  
दिल पे कोई नया ज़ख्म जब लग जाता है...

और 

वो देखो आजकल कितने सजने सँवरने लगे है
कोई अजनबी रात में घर आता है
दरवाज़ा बंद हो जाता है
सुबह सूरज की पहली किरण के साथ कोई निकल जाता है.
रोमिल, हमारे लखनऊ में आज भी इश्क चुप-चुप के होता है...

ख़ुदा जाने...

#रोमिल

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