दिसम्बर की सर्द रातें
मैं अकेला तन्हा चलता हुआ
उस पर तेरे यादों की राहातें
सब कुछ तो है...बस तू नहीं...
~
तेरी उदासियाँ भी देती है मुस्कुरातें
तेरा ख्याल भी क़माल है
सब कुछ तो है...बस तू नहीं...
~
सर्दी में कपकपाते बदन
उस पर गिरती हल्की-हल्की बर्फ की चादरे
सब कुछ तो है...बस तू नहीं...
~
मस्त होकर चलती ठंडी-ठंडी यह पवन
और उस पर उड़ते यह पत्ते सड़को पर
सब कुछ तो है...बस तू नहीं...
~
नदियों में बहता यह ठंडा-ठंडा पानी
किनारों पर करवटे लेता हुआ
सब कुछ तो है...बस तू नहीं...
~
दिसम्बर की सर्द रातें
मैं अकेला तन्हा चलता हुआ
उस पर तेरे यादों की राहातें
सब कुछ तो है...बस तू नहीं...रोमिल एक बस तू नहीं...
मैं अकेला तन्हा चलता हुआ
उस पर तेरे यादों की राहातें
सब कुछ तो है...बस तू नहीं...
~
तेरी उदासियाँ भी देती है मुस्कुरातें
तेरा ख्याल भी क़माल है
सब कुछ तो है...बस तू नहीं...
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सर्दी में कपकपाते बदन
उस पर गिरती हल्की-हल्की बर्फ की चादरे
सब कुछ तो है...बस तू नहीं...
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मस्त होकर चलती ठंडी-ठंडी यह पवन
और उस पर उड़ते यह पत्ते सड़को पर
सब कुछ तो है...बस तू नहीं...
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नदियों में बहता यह ठंडा-ठंडा पानी
किनारों पर करवटे लेता हुआ
सब कुछ तो है...बस तू नहीं...
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दिसम्बर की सर्द रातें
मैं अकेला तन्हा चलता हुआ
उस पर तेरे यादों की राहातें
सब कुछ तो है...बस तू नहीं...रोमिल एक बस तू नहीं...
#रोमिल
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