Friday, January 6, 2012

वोह आने वाला है घर में

वोह आने वाला है घर में 
चलो सूखे गमलों में गुलाब को लगाया जाये.

बिखरी पड़ी है चीज़े इधर से उधर
चलो घर की चीज़ों को सवारा जाये.

कब तक रोते रहोंगे यूँही छुप - छुप कर
चलो पुरानी यादों को सजाया जाये.

रोमिल, मेरे घर में बहुत दिनों बाद आई है चांदनी
चलो चाँद के इंतज़ार में पलके बिछाया जाये.

No comments:

Post a Comment