शिव की रहमत को कैसे इनकार कर पाओगे
क्या माँ का क़र्ज़ कभी भूला पाओगे
यह सृष्टी रचियता शिव है
माँ ने हाथ पकड़ कर चलना सिखाया क्या भूला पाओगे
दो कोमल नयन दिए शिव ने सृष्टी देखने के लिए
माँ ने अच्छा बुरा का फर्क समझाया क्या भूला पाओगे
शुक्र करो शिव का जो बोलने के लिए जुबान दी
मधुर वाणी माँ ने बोलना सिखाया क्या भूला पाओगे
बुद्धि-मन-स्मरण शक्ति दी शिव ने
इल्म हासिल करना माँ ने सिखाया क्या भूला पाओगे
ज़िन्दगी दी शिव ने
जीना सिखाया माँ ने क्या भूला पाओगे.
रोमिल क्या भूला पाओगे.
No comments:
Post a Comment