Sunday, March 4, 2012

माँ तुम आ जाओ

नयन से बहते हुए आंसू पुकार रहे है माँ तुम आ जाओ.
मौन के बंधन सब टूट के कह रहे है माँ तुम आ जाओ.
रखो मेरे पग के साथ अपने पग चलो कुछ दूर साथ चले, माँ तुम आ जाओ.
ममता से वंचित इस मन को फिर प्रफुल्लित कर जाओ, माँ तुम आ जाओ.
फिर पकड़ के खड़ा रहूँ आँचल तुम्हारा, माँ तुम आ जाओ.
ग़मगीन सिसकियों को मधुर मुस्कान में मिलाने, माँ तुम आ जाओ.
लौट आओ माँ
आशा का दीपक भुझ न जाये, ज्योति तुमको पुकार रही है, माँ तुम आ जाओ.

#रोमिल

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