Tuesday, May 1, 2012

माँ की याद आई, दिन सुहाने हो गए

माँ की याद आई, दिन सुहाने हो गए
आँखों से गिरे आंसू, मोती हो गए
आइना में दिखते चेहरे बोल उठे
रोते हुए चेहरे पुराने हो गए.

और

वोह बता कर अपना दर्द महफ़िल में 
मेरी तौहीन कुछ इस कदर कर गया
अब उसके ज़िन्दगी-ए-ग़म भी औरों के हो गए. 

- रोमिल

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