Tuesday, June 5, 2012

गंगा जल से अपनी प्रीत लिखे

गंगा जल से अपनी प्रीत लिखे
हर की पौड़ी पर बैठकर जीवन संगीत लिखे
रोशनी सा जगमगा रहा हो बहता गंगा जल   
अम्बर में तारों के फूल सजे
तुमको अपना मीत लिखे     
कोई पुराना सपना, कुछ मिट्ठे बोल लिखे
जीवन भर जो निभा सके हम वो वचन लिखे

और

रात खड़ी है फिर तन्हाई का सूरज लेकर
चलो दिल के कागज़ पर माँ को सन्देश लिखे।

#रोमिल

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