पैरों मे थकान लिए लेटा हूँ
मैं मंजिल के निशान लिए लेटा हूँ
आसमान झुककर करता है मुझे सलाम
मैं मुश्किलों को आसान किये लेटा हूँ
और
मुझे पलंग-बिस्तरा की नहीं है जरुरत
मैं माँ की गोद में आराम से लेटा हूँ
और
उस मुहब्बत की देवी में मुझे सुनने-समझाने की हिम्मत कहाँ है
जिसकी चौखट पे मैं बरसों से लेटा हूँ
वोह जिंदा है इस दुनिया में
मेरे लिए इतना ही काफी है
जिसकी मौत की खबर सुन मैं बरसों से सदमे में लेटा हूँ।
#रोमिल
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