Tuesday, June 26, 2012

Hum Dono

Woh azma raha hai mujhe 
Main parakh raha hu use 
Ek dusare ki wafa ka imtihaan le rahe hai hum dono 

Bahut rulaya hai usne mujhe 
Ashkon mein bhigoya hai maine use 
Ek dusare ko pak kar rahe hai hum dono 

Woh apne shehar dhundta hai mujhe 
Main apne shehar talashta hu use 
Ek dusare mein sama jana chahte hai hum dono

Woh apne khawabon mein dekhata mujhe 
Main apne khawabon ko sajata usse 
Ek dusare ko is tarah sulate hai hum dono 

aur 

Maa pukar rahi hai mujhe 
Main subh-o-shaam bulata hoon use 
Is intezaar ki tapti dhoop mein tap rahe hai hum dono

#Romil

वह आज़मा रहा है मुझे 
मैं परख रहा हूं उसे 
एक दूसरे की वफ़ा का इम्तिहान ले रहे हैं हम दोनों 

बहुत रुलाया है उसने मुझे 
अश्कों में भिगोया है मैंने उसे 
एक दूसरे को पाक कर रहे हैं हम दोनों

वह अपने शहर ढूंढता है मुझे 
मैं अपने शहर तलाशता हूं उसे 
एक दूसरे में समा जाना चाहते हैं हम दोनों 

वो अपने ख्वाबों में देखता मुझे 
मैं अपने ख़्वाबों को सजाता उससे 
एक दूसरे को इस तरह सुलाते हैं हम दोनों... 

और 

माँ पुकार रही मुझे 
मैं सुबह-ओ- शाम बुलाता हूं उसे 
इस इंतजार की तपती धूप में तप रहे हैं हम दोनों...

#रोमिल

No comments:

Post a Comment