Ab usse
gila kya karte, bewafa se wafa kya karte
Bade waqt ke
paband hai log mere shehar ke
Dair se
mehfil mein pahuch kar hum kya karte
Darwaza
khula aur un dono ke charche ho gaye shuru
Aise ishq
ke masale mein pad kar hum kya karte
Teri dil
lagane ki ada se hum wakif the sanam
Ab haathon ki saaji mehandi dekh kar hum kya karte
Wahi tere
alfaaz, wahi tera andaaz, wahi teri ranj-o-gum ki baat
Tujhse
guftagu karke hum kya karte
aur
Jab mere haath
mein hi nahi tha rok pana teri rukhsati ka din Maa
Khuda ke
faisale se lad kar hum kya karte
#Romil
अब उससे गिला क्या करते, बेवफा से वफा क्या करते
बड़े वक्त के पाबंद है लोग मेरे शहर के
देर से महफिल में पहुंचकर हम क्या करते...
दरवाजा खुला और उन दोनों के चर्चे हो गए शुरू
ऐसे इश्क के मसले में पड़कर हम क्या करते...
तेरी दिल लगाने की अदा से हम वाकिफ़ थे सनम
हाथों की सजी मेहंदी देखकर हम क्या करते हैं...
वही तेरे अल्फाज, वही तेरा अंदाज, वही तेरी रंज-ओ-गम की बात
तुझसे गुफ़्तगू करके हम क्या करते...
और
जब मेरे हाथ में ही नहीं था रोक पाना तेरी रुखसती का दिन माँ
ख़ुदा के फैसले से लड़कर हम क्या करते हैं...
#रोमिल
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