Ishq ne humko is kadar naqabil bana diya
Safar-e-manzil mein the awara bana diya.
Aye Khuda tujhe yeh kya suji
Na mandir, na masjid
Is dil ko tune mehboob-e-ghar bana diya.
Sab raunaqe nadarad hai
Phool, Khushboo, Jheel, Mausam, Dhoop, Burf, Titli aur Hava
Tune Kashmir-e-Jannat ko yeh kaisa udasi-e-chehara pehna diya.
Dushman jo zakhm khakar bhi dua de
Khuda, ishq ne usko yeh kaisa deewana bana diya.
#Romil
इश्क ने हमको इस क़दर नाकाबिल बना दिया
सफ़र-ए-मंजिल में थे आवारा बना दिया.
ए खुदा तुझे यह क्या सूजी
ना मंदिर, ना मस्जिद
इस दिल को तूने महबूब-ए-घर बना दिया.
सब रौनके नदारत हैं
फूल, खुशबू, झील, मौसम, धूप, बर्फ, तितली और हवा
तूने कश्मीर-ए-जन्नत को यह कैसा उदासी-ए-चेहरा पहना दिया.
दुश्मन को जख्म खाकर भी दुआ दे
खुदा, इश्क ने उसको यह कैसा दीवाना बना दिया.
#रोमिल
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