Subah hui lekar kaarvaan-e-tamanna hum nikal pade
Khuda jaane hum kis raah-e-manzil par nikal pade.
Shauq-e-talab na koi manzil-e-humsafar hai
Na jaane hum kis umeed par nikal pade.
Dil ko sambhalte rahe har hadse par hum
Yeh kaisi ishq-e-tamanna mein hum nikal pade.
Uski baahon mein soye ek raat ke liye hi sahi
Na jaane aisi kitni aarzoo liye hum is dunia se nikal pade.
#Romil
सुबह हुई लेकर कारवां-ए-तमन्ना हम निकल पड़े
खुदा जाने हम किस राह-ए-मंज़िल पर निकल पड़े.
शौक़-ए-तलब ना कोई मंज़िल-ए-हमसफ़र है
ना जाने हम किस उम्मीद पर निकल पड़े.
दिल को संभालते रहे हर हादसे पर हम
यह कैसी इश्क़-ए-तमन्ना में हम निकल पड़े.
उसकी बाहों में सोये एक रात के लिए ही सही
ना जाने ऐसी कितनी आरज़ू लिए हम इस दुनिया से निकल पड़े.
#रोमिल
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