Bisrat par raat angadai mein guzar di
Lete rahe sholon par, ishqk ne hawa di.
Kambakkht mehak uski raat bhar aati rahi hamare jism se
Yeh kaun si itra usne baahon mein bhar kar dal di.
#Romil
बिस्तर पर रात अंगड़ाई में गुजार दी
लेटे रहे शोलों पर, इश्क ने हवा दी
कमबख़्त महक उसकी रात भर आती रही हमारे जिस्म से
यह कौन सी इत्र उसने बाहों में भरकर डाल दी।
#रोमिल
बिस्तर पर रात अंगड़ाई में गुजार दी
लेटे रहे शोलों पर, इश्क ने हवा दी
कमबख़्त महक उसकी रात भर आती रही हमारे जिस्म से
यह कौन सी इत्र उसने बाहों में भरकर डाल दी।
#रोमिल
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