Thursday, September 13, 2012

मुहब्बत-ए-बाज़ार

मुहब्बत-ए-बाज़ार में इस तरह हमारी बोली लगाई गई   
कभी हमारी कीमतें आसमान में चढ़ाई गई 
कभी  कीमतें  हमारी ज़मीन पर लाई गई।   

- रोमिल लखनवी

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