मेरे घर के आँगन में जबसे उस बुलबुल ने पाँव रखा है
मेरे दिल-ओ-दिमाग़ पर एक कोहराम मचा रखा है
रात भर चहकती है उसकी बोलियाँ कानों में
उस ज़ालिम ने सोना हराम कर रखा है।
बैठे हुए देखूं तो एक आफत सी लगती है
चलते हुए क़यामत नाम रखा है
होगा किसी कोठी के साये में उसका आशियाना
अभी तो उसने हमारे घर डेरा डाल रखा है।
और
उसकी मीठी बोलियों पर मत जा रोमिल
इसने न जाने कितनो को अपना आशिक बना रखा हैं।
#रोमिल
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