यह कौन है जो हर बात मुहब्बत से कह जाता है
खवाब जिसका मेरे सोते हुए चहरे पर ख़ुशी की झलक बिखेर जाता है
आँख खोलू तो सफ़ेद बादलों में धूंधला-धूंधला सा चेहरा किसी का नज़र आता है
नाम पूछूं तो परी बताकर वोह गायब हो जाता है...
यह कौन है जो हर बात मुहब्बत से कह जाता है...
नाज़ है बाबा... नाज़...
- रोमिल लखनवी
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