Sunday, May 25, 2014

वो भी क्या खूब दिन हुआ करते थे...

मियाँ... वो भी क्या खूब दिन हुआ करते थे...

जब दिन में फर्श में खेलते हुए
सूसू कर दिया करते थे
फिर बैठे-बैठे छाई-छप्पा-छाई करते थे...

और माँ कहती थी "मोया करके रौंदा भी नहीं है, हँसा करता है"

और एक जवानी के दिन है

साथ में मिट्रटी का ढेला लेकर जाना पड़ता है...

खुदा मुझे तेरे क़ायदे समझ नहीं आते है...

#रोमिल

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