Friday, July 11, 2014

माँ भी कितनी प्यारी चौकीदार होती थी।

चौकीदार

सुबह उसको जल्दी उठना है
पढ़ाई भी तो करनी है उसको
सुबह की चाय कहीं खाली पेट तो नहीं पी रहा 
नाश्ता ठीक से उसने किया की नहीं

ऑफिस जाते हुए कहीं कुछ कागज़ भूल तो नहीं गया
दिन में समय से उसने खाना खाया की नहीं
खाना ठंडा तो नहीं हो गया था कहीं

इतनी देर हो गई अभी तक घर क्यों नहीं आया
स्कूटर तो उसका ख़राब नहीं हो गया है कहीं
अभी पूछती हूँ.… 

खाना खाकर समय से सो गया है की नहीं
इतनी रात तक कमरे की बत्ती क्यों जल रही है  
लैपटॉप के साथ जाग तो नहीं रहा कहीं
अभी देखती हूँ.… 

माँ भी कितनी प्यारी चौकीदार होती थी। 

#रोमिल

No comments:

Post a Comment