Sunday, August 24, 2014

लौट आने का कोई वादा तो नहीं किया था तुमने

लौट आने का कोई वादा तो नहीं किया था तुमने
फिर मुझे यह इंतज़ार किसका है.

सालों बीत चुके है पर तुमने कभी रु-बा-रु होकर इज़हार नहीं किया
फिर किताब में यह रखा गुलाब किसका है.

कहते हो मेरी तस्वीर नहीं है तुम्हारे सिरहाने के नीचे
न मेरी तस्वीर को तुम चूमते हो
फिर तुम्हारे होंठों पर यह निशान किसका है.

रायपुर, छत्तीसगढ़ - अंजान शहर - अंजान लोग
फिर भी तुम्हारी नज़रें कुछ ढूंढती हुई?
यहाँ तुझे इंतज़ार किसका है.

#रोमिल

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