Tuesday, November 4, 2014

Oye...

Oye...
Subah jab milta hai to tu bahut shant-shant milta hai...
Koi sannata tujhmein pasara rehta hai...
Shaam ko jab milta hai to bahut angadaiya leta hai... bahut toofan machalte hai tujhmein... leharein khelati hai tujhse...

Oye Sagar... Tu bhi mere jaisa hai....

#Romil

ओए...
सुबह जब मिलता है तो तू बहुत शांत-शांत मिलता है...
कोई सन्नाटा तुझमें पसरा रहता है...
शाम को जब मिलता है तो बहुत अंगड़ाइयां लेता है... बहुत तूफान मचलते है तुझमें... लहरें खेलती है तुझसे...

ओये सागर... तू भी मेरे जैसा है...

#रोमिल

No comments:

Post a Comment