Friday, January 2, 2015

Sochata hoon...

Sochata hoon...

Zindagi kahin naukari ke fher mein na ulajh ke reh jaye...
Monthly  Salary kahin na pairon ki zanjeer ban jaye...
Budhape mein... dhoop mein kurshi daalkar main yeh na sochu... "Hum na is duniya ke liye na is duniya ke logon ke liye kuch kar paye..." 

#Romil

सोचता हूं 

जिंदगी कहीं नौकरी के फेर में ना उलझ के रह जाए...
मंथली सैलरी कहीं ना पैरों की जंजीर बन जाए... 
बुढ़ापे में... धूप में कुर्सी डालकर मैं यह ना सोचूँ...
"हम ना इस दुनिया के लिए ना ही दुनिया के लोगों के लिए कुछ कर पाएं..."

#रोमिल

Business ke liye kahan se rupiya aaye...
Sab kuch bhoolkar kya hum Baap ke samne jhoole fhelaye...
Ya fir kisi chamatkar ke intezaar mein haath pe haath daale  prabhu bhajan gaye...

#Romil

बिजनेस के लिए कहां से रुपया आये...
सब कुछ भूलकर क्या हम बाप के सामने झोली फैलाएं... या फिर किसी चमत्कार के इंतजार में हाथ पर हाथ डाल प्रभु भजन गाये...

#रोमिल

Kahin marr na jayun...
Jo khawab dekhe hai kahin adhure na reh jaye...
Hum kisi bhi janam mein maa ko, naaz ko, gunn ko apna chehara na dikha paye...

Roz waqt aage badata chala jata hai... aur main wahin khada rehta hoon...
Kash koi aisa din aaye... jab hum waqt se aage nikal jaaye...

#Romil

कहीं मर ना जाऊं... 
जो ख्वाब देखे हैं कहीं अधूरे ना रह जाए... 
हम किसी भी जन्म में माँ को, नाज़ को, गुन को अपना चेहरा ना दिखा पाए... 

रोज वक़्त आगे बढ़ता चला जाता है... और मैं वहीं खड़ा रहता हूं... 
काश कोई ऐसा दिन आये... जब हम वक्त से आगे निकल जाए...

#रोमिल

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