न हिन्दू कहो
न मुस्लिम कहो
मैं तो गुलाब हूँ, मुझे गुलाब कहो...
*
मुस्कुराता रहता हूँ मैं फिज़ाओं में
झूमता रहता हूँ मैं घटाओं में
इन फिज़ाओं, इन घटाओ में ज़हर मत भरो.
मैं तो गुलाब हूँ, मुझे गुलाब कहो...
*
सूरज को में जानता हूँ
चाँद को में पहचानता हूँ
इन पहचानो को बदलने को मत कहो.
मैं तो गुलाब हूँ, मुझे गुलाब कहो...
*
जिस ज़मीन पर खिलता हूँ उससे रब की ज़मीन समझ लेता हूँ
मुझे इससे हिंदुस्तान या पाकिस्तान कहने को मत कहो
मैं तो गुलाब हूँ, मुझे गुलाब कहो...
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