दोस्तों मुझे बहाना बनाना नहीं आता
जुबान देकर मुकर जाना नहीं आता...
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बुरे दिन हैं, एक दिन ढल जायेंगे
मुझे किस्मत पर रोना-धोना नहीं आता....
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शहर की आयाशी मुझे भी बहकाती हैं
मगर मुझे गुनाह करना नहीं आता...
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जो निगाह में तेरी खतावार हूँ मैं
मुझे सज़ा से डरना नहीं आता...
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