हम तोह मुस्कुरा लेते हैं
सीने में गम को छुपा लेते हैं...
यूं दिखता हैं आँखों से यह आसमान
जैसे सवेरे चाँद, सितारों को समां लेते हैं...
*
साहिल जैसी आँखें उसकी हैं
वरना लोग तोह समुन्दर आँखों में समां लेते हैं...
कैसे करोगे अपने मोहब्बत-ए-कातिल की पहचान रोमिल
लोग चहरे नक़ाबो में छुपा लेते हैं...
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