Thursday, October 28, 2010

हम तोह मुस्कुरा लेते हैं

हम तोह मुस्कुरा लेते हैं
सीने में गम को छुपा लेते हैं...
यूं दिखता हैं आँखों से यह आसमान
जैसे सवेरे चाँद, सितारों को समां लेते हैं...
*
साहिल जैसी आँखें उसकी हैं
वरना लोग तोह समुन्दर आँखों में समां लेते हैं...
कैसे करोगे अपने मोहब्बत-ए-कातिल की पहचान रोमिल  
लोग चहरे नक़ाबो में छुपा लेते हैं...
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