Thursday, October 28, 2010

यार ने यार की बात रख ली

यार ने यार की बात रख ली
मेरे हर गम ने तेरी खुशियूं की लाज रख ली...
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यह कैसी उलझन थी कि मैं ज़माने से कुछ न कह पाया
मेरी बेबसी ने तेरी आबरू की लाज रख ली...
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आँखों में कैसा आंसू का समुन्दर भरा
मेरी चुप्पी ने तेरी मेहंदी की लाज रख ली...
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कमजोर कहो मुझे या फिर मुझ पर इलज़ाम लगाओ
मेरी वफ़ा ने तेरी बेवफाई की लाज रख ली...
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