Thursday, November 11, 2010

अब आता ही नहीं...

बीमार ए दिल पर कोइए दुआ, कोइए दवा असर करती ही नहीं
बेवफा एक बार जो गया था
अब आता ही नहीं...
*
दिल ए खून से ख़त लिखूं
या खुदा का वास्ता दे दूं
बेवफा का कोइए जवाब
अब आता ही नहीं...
*
देखो कितना सुनसान सा लग रहा हैं बसंत का मौसम
देखो कितना सुनसान सा लग रहा हैं बसंत का मौसम
जो पंछी उड़ गया हैं
अब आता ही नहीं..
*
हर तरफ फैली हुई ख़ामोशी हैं यारों
साया भी अपना, अपने करीब
अब आता ही नहीं...
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2 comments:

  1. gud gud LM,

    kabhi na kabhi wo mere bare me sochega zarur,
    ke khoon ka rishta bhi nahi phir bhi wafa karta raha

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  2. gudy... guddy...

    khoon ka rishta
    doston ka saath bhool gaye
    hum mohabbat ke siva
    har baat bhool gaye...

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