Wednesday, November 10, 2010

फिर भी यह एहसास होता हैं

उसके होंटों पर मेरे सिवा किसी का नाम न था
फिर भी यह एहसास होता हैं की वोह मुझसे बेवफाई कर रही हैं...
*
क़दमो के तले उसके कुछ न था
फिर भी यह एहसास होता हैं की वोह मेरा दिल मसल रही हैं...
*
न वोह थी न उसका साया था
फिर भी यह एहसास होता हैं की वोह मुझे देख रही हैं...
*
न जिस्म पर उसके होंटों के निशान, न खुशबू थी
फिर भी यह एहसास होता हैं की वोह मुझसे लिपट रही हैं...
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2 comments:

  1. wo mujhe chahta nahi,
    faqat isi khayal se kya main use chahana chod du


    keep smiling

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  2. mera saath chahta hai toh humsafar mera saath de
    is qadar
    is qadar
    is qadar
    qadam qadam par
    MUJHE DAAGA NA DE...
    KAM SE KAM
    DAAGA NA DE...

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