Thursday, November 4, 2010

सनम ज़रा अहिस्ता - अहिस्ता रखा करो कदम

सनम ज़रा अहिस्ता - अहिस्ता रखा करो कदम
मौसम हैं मोहब्बत का कही जाओ न फिसल...
सनम ज़रा अहिस्ता - अहिस्ता रखा करो कदम
*
गैर की महफ़िल में न जाओ
यूं न मुझको तरफ़ाओ...
कभी तो रखो इस गरीब के घर में भी क़दम
सनम ज़रा अहिस्ता - अहिस्ता रखा करो कदम
*
चमन में चलो तो ज़रा देख कर चलो
यही कोइए दफ़न कर गया हैं मुझे...
कहीं मेरे दिल पर न रख दो तुम अपने क़दम
सनम ज़रा अहिस्ता - अहिस्ता रखा करो कदम
*
कभी तो मिली तेरे मेरे साथ
हो अपना साथ एक दूसरे के वास्ते...  
कभी तो तुम रखो मेरे क़दम के साथ अपने क़दम
सनम ज़रा अहिस्ता - अहिस्ता रखा करो कदम
मौसम हैं मोहब्बत का कही जाओ न फिसल...
सनम ज़रा अहिस्ता - अहिस्ता रखा करो कदम
[copyright reserved]

No comments:

Post a Comment