Friday, December 10, 2010

चाँद कहो तोह...

ओ नूर-ए-नज़र चाँद
चाँद आप कहो तोह...
आपके कानो में झुमका पहना दूं...
चहरे पर आती हुई लट को हटा दूं...
दिल-ए-आरज़ू यह भी है 
आपको पायल पहना दूं...
गुस्ताखी तो यह भी करने को मजबूर-ए-दिल चाह रहा है 
आपके बालों में गुलाब लगा दूं...
देखो कहीं न सीडियो पर आपका पैर फिसल जाये
आपको बाहों में उठा दूं...
देखो बीत न जाये यह रात आँखों में 
आपको, अपनी गोद में सुला दूं.. 
चाँद आप कहो तोह...
[WRITTEN BY ROMIL - COPYRIGHT RESERVED]

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