Sunday, December 12, 2010

सुनो नूर-ए-चाँद

सुनो नूर-ए-चाँद
चलो साथ सन्डे एन्जॉय करते हैं...
थोड़ी देर तक सोते हैं...
आज साथ ही नहाते हैं...
ब्रेकफास्ट को भूल जाते हैं... 
दोपहर में चलो मूवी देखने जाते हैं...
बाहर ही दोपहर का खाना खाते हैं...
शाम की चाय आज में ही बनाऊंगा
तुम पकोड़े बना लेना...
चलो रात का खाना साथ मिल कर बनाते हैं...
जलती हुए मोमबत्तियों के बीच एक दूसरे को अपने हाथो से खिलाते हैं...
कमरे को आज रात फूलों से सजाते हैं...
बाहों में बाहों डाल कर सोते हैं...
चलो जान सन्डे एन्जॉय करते हैं...
[written by Romil - copyright reserved]

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