Monday, December 13, 2010

इससे अच्छा है तेरे दर से वापस लौट जाये...

तोहफा ऐसा क्यों दूं
की तमाशा बन जाये...
इससे अच्छा है तेरे दर से वापस लौट जाये...
*
है तोह फूल गुलाब का
अमीरों की महफ़िल में न इसकी खुशबू खो जाये
इससे अच्छा है तेरे दर से वापस लौट जाये...
*
हसरत तोह यह थी की तेरा दीदार हो जाये
अगर चाँद थोड़ी देर सितारों से अलग नज़र आये
इंतज़ार में कहीं खड़े-खड़े न सुबह हो जाये 
इससे अच्छा है तेरे दर से वापस लौट जाये...
*
रोमिल बुरा न मान, ज़माना चाहे बुरा कहे
यह गुलाब चलो उसके दर पर रख आये
इससे अच्छा है तेरे दर से वापस लौट जाये...
[WRITTEN BY ROMIL - COPYRIGHT RESERVED]

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