Friday, December 17, 2010

यकीन

दिल कहता हैं यह वही हैं रोमिल
फिर भी यकीन नहीं होता हैं 
कोइए कैसे मौत के बाद 
वापस आ जाता हैं...
*
चलो रोमिल एक पल के लिए मान लेते हैं यह वही हैं
फिर भी यकीन नहीं होता हैं
कोइए कैसे तेरे रोने के बाद
तेरे आंसू पोछने नहीं आता हैं...
शायद हर अपना ऐसा होता है... 
[COPYRIGHT RESERVED - WRITTEN BY ROMIL]

2 comments:

  1. hota hai apni aankh ka ansoo bhi bewafa,
    wo bhi nikalta hai to kisi aur ke liye

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  2. true wrd...

    bewafa hue toh kya hua dilruba hai meri...

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