Wednesday, December 15, 2010

वोह न अब आने वाला...

बीता हुआ साल फिर न आने वाला
मोहब्बतों वाला साल फिर न आने वाला
मैं करता रहूँगा उसका इंतज़ार उमरभर 
जो गया था मुझे छोड़ कर वक़्त वोह न अब आने वाला...
*
खुशियूं के नए फ़साने मिलते रहेंगे
लोग, हसीन सुहाने मिलते रहेंगे
जिसे याद कर आ जाती थी रूह में रवानी
दिलकश-दिलरुबा वोह न अब आने वाला...
*
पढ़ते-पढ़ते होठों पर मुस्कान आ जाती थी
कभी-कभी नज़रो में नीर बह जाती थी
जिसे सो जाते थे सीने से लगा कर 
ख़त वोह न अब आने वाला...
*
जब किसी से बात करने के लिए जागते थे
जब किसी की यादों में हम सोते थे
दुआ जिसके लिए रब से हर पल करते थे
वोह अब न आने वाला...
[written by romil - copyright reserved]

1 comment:

  1. oh god, itna gussa, ameer hona gunah hai kya

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