वो चाहे जितनी भी आँखों से ओझल रहे रोमिल बाबू
मगर उसका ख़्वाबों-ए-ख्याल अच्छा हैं...
*
चाहे कितने भी दुःख हमसे लिपटे रहे
उसका दामन रहे खुशियों से भरा उम्र भर रोमिल बाबू
अपने लिए बस यही अच्छा हैं...
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और सितम मत करो अपने दिल पर रोमिल बाबू
इसको रखो हसीनो से दूर
आपके लिए यही अच्छा हैं...
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वो पूछते रहते हैं मरीजों का हाल
हमको एक नज़र देखते भी नहीं... २
एक हम मर रहे हैं जीते जी रोमिल बाबू
उनका यह कातिल-ए-अंदाज़ अच्छा हैं...
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ख़्वाब हैं कि अपनी कब्र भी उनकी कब्र के साथ बने रोमिल बाबू
यह ख़्वाब बहुत मुश्किल हैं
मगर अच्छा हैं...
#रोमिल
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