कोई हमसा दीवाना मिले
ढूँढ रहे हैं हम
आपकी क़सम
*
गली-गली ढूँढा उसे पर उससे मिल न सके हम
आपकी क़सम
*
वोह खूबसूरत आवाज़
वोह शौक़-ए-मुस्कान
कही इसी आरज़ू में मर न जाये हम...
आपकी क़सम
*
जब तक न पाएंगे उससे
यूँही सफ़र में रहेंगे हम
आपकी क़सम
[written by Romil - copyright reserved]
No comments:
Post a Comment