Thursday, February 3, 2011

अँधेरे में दीप जलाया करो...

अँधेरे में दीप जलाया करो
ग़मों में भी मुस्कुराया करो
घने बादलों में से सूरज की तरह निकल आया करो
कश्ती जब हो तूफानों में
लहरों को चीरकर
आगे बढ़ा करो
तुम डरो नहीं
तुम डरो नहीं
उठो
अँधेरे में दीप जलाया करो
ग़मों में भी मुस्कुराया करो।

#रोमिल

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