बड़ी अजीब सी मोहब्बत-ए-ज़िन्दगी बिताई है मैंने
चाँद न मिला
सितारे तोह बहुत पाए है मैंने...
तुम काँटों से डरते हो यारों
फूलों से भी ज़ख्म खाए है मैंने...
लहरों से मेरी दुश्मनी रही है बरसो से
साहिल पर बहुत घर बनाये है मैंने...
अपनी तमाम बर्बादियो को भूल कर
दोस्त क्या... दुश्मन भी गले लगाये है मैंने...
वोह हकीक़त में तुझे न मिल सका रोमिल
तोह गम न कर... २
खवाबो में उसके साथ कई रात बिताई है मैंने...
बड़ी अजीब सी मोहब्बत-ए-ज़िन्दगी बिताई है मैंने....
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