आंसूओं की बारिश में भीग जाने को दिल करता है
मेरा आज भी उसके दामन से चेहरा पोछने को दिल करता है...
एक ही गली में रहते है, फिर भी मिल नहीं पाते
मेरा इस ज़माने की सारी बंदिशों को तोड़ने को दिल करता है...
खुदा ने सब्र करने की मुझे तौफीक बक्शी है
वरना मोहब्बत के जल्लादों का सर कलम करने को दिल करता है...
बातों - बातों में वो बिछड़ने का इशारा कर गया रोमिल
खुदा, ऐसे इशारों पर मर-मिटने को दिल करता है...
आंसूओं की बारिश में भीग जाने को दिल करता है...
#रोमिल
No comments:
Post a Comment