तुझसे मुलाक़ात फिर होगी नाज़
यह उम्मीद ही काफी हैं मेरे जीने के लिए...
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तेरी तस्वीर न हो मेरे पास
तेरा नाम की काफी हैं नाज़, तेरी बंदगी के लिए...
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तुझे न हो मेरी बातों से लगन-लगी नाज़
मैं तुझसे करता हूँ बातें अपनी ख़ुशी के लिए...
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न हो जन्नत में जगह मेरे लिए नाज़
मैं सदियों तक करता रहूँगा तेरा इंतज़ार अपने लिए...
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